कांवड़ यात्रा से पहले हरिद्वार में अतिक्रमण पर चला बुलडोजर

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हरिद्वार। आगामी 11 जुलाई से शुरू हो रहे कांवड़ मेले को देखते हुए हरिद्वार प्रशासन और नगर निगम ने अतिक्रमण हटाने के लिए विशेष अभियान शुरू कर दिया है। इस अभियान के तहत नगर निगम के मुख्य नगर स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. गंभीर तालियान के नेतृत्व में चंडीघाट से बस अड्डे तक सघन कार्रवाई की गई। अभियान का उद्देश्य मेला मार्ग को सुगम, सुव्यवस्थित और सुरक्षित बनाना है, ताकि देशभर से आने वाले करोड़ों शिवभक्तों को किसी भी प्रकार की असुविधा का सामना न करना पड़े।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देशों के क्रम में नगर निगम के चलाए जा रहे अतिक्रमण हटाओ अभियान में व्यापारियों ने भी प्रशासन का सहयोग किया। शहर के प्रमुख क्षेत्रों में व्यापारियों ने स्वयं अपने अतिक्रमण हटा लिए, जिससे टकराव की स्थिति नहीं बनी और अभियान शांतिपूर्ण ढंग से चला। डॉ. गंभीर तालियान ने बताया कि यह अभियान 11 जुलाई तक लगातार जारी रहेगा। उन्होंने स्पष्ट चेतावनी दी कि यदि कोई दोबारा अतिक्रमण करता है तो चालानी कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम की टीम ने चंडीघाट से लेकर रोडवेज बस अड्डे तक फैले अवैध अतिक्रमण को हटाया। इस दौरान नगर निगम के अधिकारियों की टीम में एसएनए ऋषभ उनियाल अक्षय तोमर पटवारी नरेंद्र कंबोज मायापुर चैकी इंचार्ज सुनील पंतअन्य निगम कर्मी और पुलिस स्टाफ शामिल रहे।
डॉ. तालियान ने कहा कि कांवड़ मेला एक धार्मिक और राष्ट्रीय महत्व का आयोजन है, जिसमें देशभर से शिवभक्त लाखों की संख्या में हरिद्वार पहुंचते हैं। ऐसे में मेला मार्गों पर अतिक्रमण की कोई भी स्थिति भक्तों की सुरक्षा में बाधा बन सकती है।
उन्होंने व्यापार मंडलों से भी सहयोग की अपील की, ताकि मेला शांतिपूर्ण और व्यवस्थित रूप से संपन्न हो सके। उन्होंने कहा कि प्रशासन का उद्देश्य किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि जनहित और श्रद्धालुओं की सुविधा को सर्वोपरि रखना है।
अभियान के दौरान महालक्ष्मी व्यापार मंडल के पदाधिकारियों और कई स्थानीय व्यापारियों ने नगर निगम का समर्थन किया। प्रमुख उपस्थित लोगों में शामिल थेरूसंजय चैहान (शहर उपाध्यक्ष, महालक्ष्मी व्यापार मंडल)रामनाथ, बलवीर सिंह चैहान, राकेश चैहानविकास चंद्रा, किशोर, ऋषभ चैहान आदिसभी ने साफ-सफाई और अतिक्रमणमुक्त हरिद्वार के लिए प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर चलने की बात कही। प्रशासन का फोकस केवल अतिक्रमण हटाने पर नहीं, बल्कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा, ट्रैफिक व्यवस्था, स्वच्छता और आपात सेवाओं की उपलब्धता पर भी है। नगर निगम और जिला प्रशासन मिलकर यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि हर शिवभक्त को सुगमता से गंगा दर्शन व जलाभिषेक का अवसर मिले।

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