देहरादून। उत्तराखंड में जहां एक ओर पर्वतीय क्षेत्रों में आपदा जैसी स्थिति बनी हुई है तो वहीं, मैदानी क्षेत्रों में बाढ़ जैसी स्थिति बनती नजर आ रही है। लगातार हो रही भारी बारिश के चलते नदी नाले उफान पर हैं। प्रदेश के तमाम क्षेत्रों में बनी आपदा जैसी स्थिति के चलते अभी तक 42 लोगों की मौत हो चुकी है। इसके साथ ही 169 सड़कें अभी भी बाधित हैं। यही वजह है कि मौसम विभाग की ओर से भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी होने के बाद आपदा प्रबंधन विभाग ने सावधानियां बरतने के निर्देश जारी किए हैं।
उत्तराखंड आपातकालीन परिचालन केंद्र से मिली जानकारी के अनुसार, इस आपदा सीजन के दौरान यानी 1 जून से 15 अगस्त 2025 तक प्राकृतिक आपदा को वजह से 42 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि 40 लोग घायल और 13 लोग लापता है। आपदा की वजह से इंसानों के साथ ही पशुओं का भी काफी नुकसान हुआ है। इस दौरान 48 बड़े पशुओं और 89 छोटे पशुओं की मौत हुई है। इसके अलावा, इस आपदा सीजन के दौरान 1594 मकानों का कुछ हिस्सा, 63 मकानों का आधे से अधिक हिस्सा और 40 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इसके साथ ही 29 गौशाला भी क्षतिग्रस्त हुई हैं। उत्तरकाशी के धराली में आई आपदा के बाद से ही राहत बचाव का कार्य जारी है। अभी तक 1308 यात्रियों व स्थानीय लोगों का रेस्क्यू किया जा चुका है।
धराली में आपदा प्रभावितों को खाद्य सामग्री भी उपलब्ध कराई जा रही है। प्रदेश के तमाम हिस्सों में लगातार हो रही भारी बारिश और भूस्खलन की वजह 169 सड़कें बाधित हुई हैं। जिसमें 7 एनएच, 6 एसएच, 1 बॉर्डर रोड के साथ ही 57 पीडब्ल्यूडी की सड़कें, 96 पीएमजीएसवाई की सड़कें शामिल हैं। राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार अगले कुछ दिनों तक प्रदेश के अधिकांश हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है। 17 अगस्त को देहरादून, बागेश्वर, पिथौरागढ़ जिले के तमाम हिस्सों में भारी बारिश का पूर्वानुमान जारी करते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है। इसके साथ ही 18 से 20 अगस्त तक प्रदेश के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की संभावना जताते हुए येलो अलर्ट जारी किया गया है।