चमोली। बद्रीनाथ विधानसभा सीट पर होने जा रहे उपचुनाव में पत्रकार नवल खाली निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर 21 जून को गोपेश्वर में नामांकन करेंगे। अभी तक पिछले कई महीनों से पत्रकार नवल खाली ने नीति माणा से लेकर पोखरी मसौली, जोशीमठ और दशोली के गांवों में जाकर जनता की समस्याएं उठाई और उनके समाधान की दिशा में भी आगे बढ़े। नवल खाली ने बताया कि आज जनता की समस्याओं की फिक्र की बजाय नेताओं को अपने वोटों की फिक्र है। उन्होंने कहा कि आज इस पूरी विधानसभा के अधिकांश गांवों में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है पर जो यहां स्थापित नेता हैं वो इस समस्या के समाधान की बजाय वोट मांगने में जुटे हैं। आज जल जीवन मिशन के अंतर्गत पहाड़ों में करोड़ों के घपले घोटाले नजर आ रहे हैं। रोजगार स्वरोजगार के नाम पर मशीनरी ठप पड़ी हुई है। यहां नेताओं को अपनी कुर्सी के अलावा किसी की चिंता नहीं है। अंबेडकर गांवों में लोगों के पास न तो मकान है न शौचालय। पीएमजीएसवाई और पीडब्ल्यूडी की सड़कों में भी लापरवाही देखने को मिल रही है। ऐसा लग रहा है कि अधिकारी और नेता जनता के पैसों की बंदरबांट में जुटे हैं।
नवल खाली ने कहा कि इस पूरी जनसंवाद यात्रा के दौरान जनता के बीच पहुंचने पर और उनकी समस्याओं के समाधान की दिशा में आगे बढ़ने के बाद युवाओं, बुजुर्गों और मातृशक्ति ने उन्हे चुनाव लडने के लिए प्रेरित किया। पत्रकार नवल खाली ने एक और चौंकाने वाली बात बताई । उन्होंने कहा कि कुछ पूंजीपति नेता और चुनावी चकडेत आम लोगों को बताते हैं कि चुनाव में करोड़ो रुपए खर्च होते हैं ताकि कोई आम व्यक्ति चुनाव लडने के बारे में सोच भी न सके जबकि ये सच नहीं है। पहाड़ों के परिदृश्य में ऐसा नही है यदि व्यक्ति विकासवादी सोच के साथ चुनाव लड़े तो जनता खुद मदद करने के लिए तैयार रहती है। उन्होंने कहा कि पूंजीपति नेता शायद शराब और पैसे बांटते होंगे इसीलिए उनके करोड़ो रुपए खर्च होते होंगे जबकि जनता तो अपने कामों के लिए प्रतिनिधि चुनती है। उन्होंने कहा कि ये चुनाव जनता पर थोपा हुआ चुनाव है इसलिए जनता परिवर्तन का मन बना चुकी है। पहली बार एक निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर उन्हंे जनता का भारी समर्थन मिल रहा है। उन्होंने 21 जून को गोपेश्वर में होने जा रही रैली में जनता से आवाहन किया कि अधिक से अधिक संख्या में पहुंचकर आशीर्वाद दें।