नैनीताल। दून के उद्योगपति सुधीर कुमार विंडलास की तीसरी जमानत याचिका पर नैनीताल हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। मामले की सुनवाई के बाद शीतकालीन न्यायाधीश न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की एकलपीठ ने फिलहाल उन्हें कोई राहत नहीं दी। साथ ही मामले में सरकार से 23 जनवरी तक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने को कहा है।
दरअसल, उद्योगपति सुधीर कुमार विंडलास ने नैनीताल हाईकोर्ट में तीसरी जमानत प्रार्थना पत्र दायर की है। जिसमें उन्होंने कहा है कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है। इसलिए उन्हें जमानत पर रिहा किया जाए। जबकि, इसका विरोध करते हुए विपक्षी की ओर से कहा गया कि पूर्व में कोर्ट ने इनकी दो जमानत याचिकाएं खारिज की है। यह उनकी तीसरी जमानत याचिका है। इसको भी निरस्त किया जाए। जिस पर कोर्ट ने सरकार से विस्तृत रिपोर्ट 23 जनवरी तक पेश करने को कहा है। मामले के अनुसार, सुधीर कुमार विंडलास देहरादून के एक नामी बिल्डर है। जिस पर कई गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि विंडलास ने अपने जाल में फंसाकर गरीब और अन्य लोगों की जमीन को एक अन्य कारोबारी को बेच दिया। जब पीड़ितों ने बार-बार इसकी शिकायत की तो राज्य सरकार हरकत में आई और मामले की जांच सीबीआई से कराई।
सीबीआई की जांच के बाद विंडलास और उसके तीन साथी इस जालसाजी में आरोपी पाए गए। जिसके बाद 21 दिसंबर 2023 में सीबीआई ने सुधीर विंडलास को गिरफ्तार किया। सीबीआई की स्पेशल कोर्ट में मुकदमा चलने के बाद विंडलास को कोई राहत नहीं मिली। ऐसे में उसकी जमानत याचिका एक साल पहले ही निरस्त कर दी। उसके बाद विंडलास ने हाईकोर्ट में जमानत के लिए दो प्रार्थना पत्र पेश किए, जिन्हें कोर्ट पहले ही निरस्त कर चुका है। आज फिर सुधीर कुमार विंडलास की ओर से हाईकोर्ट ने तीसरा जमानत प्रार्थना पत्र पेश किया गया। जिस पर कोर्ट ने सरकार से विस्तृत रिपोर्ट के साथ 23 जनवरी तक पेश करने को कहा है। अब पूरे मामले की अगली सुनवाई 23 जनवरी को होगी।