देहरादून। ग्राफिक एरा हिल यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर डॉ. अनुभा पुंडीर व प्रोफेसर वीपी राहुकुल आर्यावर्त एकल उपयोग विरोधी प्लास्टिक व झोला अभियान में देवभूमि राष्ट्रीय रतन पुरस्कार 2025 फॉर सोशल वर्कर एंड इनोवेटिव एजुकेटर से नवाजा गया। गाजियाबाद स्थित इंस्टीटृयूट फॉर सोशल रिफॉर्म्स एंड हायर एजुकेशन चैरिटेबल ट्रस्ट ने उत्तराखंड स्टेट सेंटर के द इंस्टीट्यूशन ऑफ इंजीनियर्स (इंडिया) के सहयोग से देवभूमि राष्ट्रीय रतन पुरस्कार 2025 का आयोजन किया गया जिसमें बड़े-बडे दिग्गजो ने प्रतिभाग गिया।
प्रोफेसर अनुभा एक शोधकर्ता हैं और वैदिक विज्ञान व व्यक्तित्व विकास में अनुसंधान में योगदान दे रही है! इससे पहले इन्हें बहुत सारे राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार मिल चुके हैं। जिनमें संयुक्त राष्ट्र और आइकनगो को तरफ से गोल्ड करमवीर चक्र और प्लैटिनम करमवीर चक्र मिल चुका है।
दून में आयोजित हुए इस राष्ट्रीय कार्यक्रम का उद्देश्य विभिन्न क्षेत्रों में असाधारण योगदान देने वालो को सम्मानित करना है। इस अवसर पर उत्तराखंड विधानसभा की अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण और स्वामी चिदानंद सरस्वती सहित कई नामचीन हस्तियां शामिल हुई। इस कार्यक्रम में आचार्य बालकृष्ण बतौरवशिष्ट अतिथि, सांसद नरेश बंसल और मंत्री सुबोध उनियाल भी उपस्थित रहे। यह पुरस्कार चिकित्सा, प्रौद्योगिकी, सामाजिक सुधार, शिक्षा और आध्यात्मिकता जैसे क्षेत्रों में विशेष काम करने वालों को दिए गए।