देहरादून। एसटीएफ की टीम तिहाड़ जेल में बंद साइबर ठगी के आरोपी को बी वारंट पर लेकर देहरादून पहुंची है। आरोपी ने रिटायर्ड कर्नल से ट्रेडिंग के नाम पर 2 करोड़ 67 लाख रुपए की ठगी की थी। साथ ही आरोपी ने जिन बैंक खातों का प्रयोग किया है, उनमें मात्र कुछ महीने में ही करोड़ों रुपयों का लेन-देन हुआ है। जांच में पता चला है कि आरोपी के खिलाफ देश के कई राज्यों में साइबर अपराधों में एफआईआर और अन्य शिकायतें दर्ज हैं। जिसके संबंध में जानकारी के लिए अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क किया जा रहा है।
23 अक्टूबर 2024 को बसंत विहार देहरादून निवासी रिटायर्ड कर्नल को ऑनलाइन ट्रेडिंग करने के नाम पर अधिक लाभ कमाने का झांसा देते हुए अज्ञात साइबर फ्रॉड ने संपर्क किया। पीड़ित को एक व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़कर और शेयर मार्केट के संबंध में जानकारी देकर लिंक भेजा गया। उसके बाद अपने आप को वेबसाइट का कर्मचारी बताते हुए एक अन्य ग्रुप में जोड़कर क्रिप्टो करेंसी में निवेश कर अधिक लाभ कमाने का लालच दिया गया। इस दौरान अलग-अलग लेनदेन के माध्यम से साइबर धोखाधड़ी कर अलग-अलग बैंक खातों में करीब 26,720,000 रुपये (2 करोड़ 67 लाख रुपए) जमा करवाकर धोखाधड़ी की गई।
शिकायत के बाद साइबर पुलिस ने घटना में प्रयोग बैंक खातों, रजिस्टर्ड मोबाइल नंबरों और व्हाट्सअप की जानकारी की। पता चला कि साइबर अपराधी गैंग ने घटना के समय ग्रुप में जोड़कर और बाद में अन्य ग्रुप्स के माध्यम से अज्ञात व्यक्तियों ने क्रिप्टो निवेश के लिए प्रेरित कर पीड़ित से लाभ कमाने के नाम पर अलग-अलग बैंक खातों में धनराशि ट्रांसफर कराई।
पुलिस टीम ने डिजिटल साक्ष्य इकट्ठे कर घटना के बैंक के लाभार्थी खाताधारक मनदीप सरकार निवासी पश्चिम बंगाल को चिन्हित करते हुए आरोपी की तलाश जारी रखी। पुलिस ने मनदीप सरकार के संबंध में आईसीजेएस पोर्टल पर चेक किया तो मनदीप सरकार नाम के व्यक्ति की डिटेल मिली। पता चला कि नाम पते वाले व्यक्ति को थाना स्पेशल सेल दिल्ली में दर्ज मुकदमे में गिरफ्तार कर 27 सितंबर 2024 को सेंट्रल जेल नम्बर-04, तिहाड़ दिल्ली में न्यायिक अभिरक्षा में निरुद्ध किया गया था।
एसएसपी एसटीएफ नवनीत भुल्लर ने बताया है कि एसटीएफ की टीम कोर्ट से बी वारंट लेकर उसे रिमांड पर देहरादून लाई है। पूछताछ में उसने घटना करने की बात कबूली है। आरोपी ने साइबर अपराध के लिए जिस बैंक खातों का प्रयोग किया है, उसमें मात्र कुछ महीने में ही करोड़ों रुपयों का लेन-देन हुआ है। जांच में पता चला कि आरोपी के खिलाफ देश के कई राज्यों में साइबर अपराधों में एफआईआर और अन्य शिकायतें दर्ज हैं। ज्यादा जानकारी के लिए अन्य राज्यों की पुलिस के साथ संपर्क किया जा रहा है।