देहरादून। विज्ञान और तकनीक की तेज़ी से बढ़ती इस दुनिया में भारत ने केवल बदलावों को देखने तक ही खुद को सीमित नहीं रखा है, बल्कि यह उसके अनुरूप काम करने और अपनी भावी पीढ़ी को इसके लिए तैयार करने के लिए नित नए कदम उठा रहा है। देश लगातार नए और भविष्योन्मुख कार्यक्रमों को आकार दे रहा है। यह आवश्यक भी है, क्योंकि तेजी से बदलती दुनिया में तकनीक हर रोज़ नई शक्ल ले रही है और हमारे जीवन को गहराई से प्रभावित कर रही है। उदाहरण के लिए आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (एआई) ने हमारे हर काम को गहराई से प्रभावित करना शुरू कर दिया है। मोबाइल ऐप से लेकर खेती-बाड़ी और दवा तक, हर जगह इसके प्रभाव को महसूस किया जा सकता है।
ऐसे में, भारत सरकार के कौशल विकास एवं उद्यमिता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा हाल में शुरू किये गए ैव्।त् (स्किलिंग फॉर एआई रेडीनेस) कार्यक्रम इसके मजबूत इरादों और दूरदृष्टि को दर्शाती है। यह राष्ट्रीय पहल ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर महानगरों तक के सभी छात्रों (कक्षा 6 से 12) और शिक्षकों के बीच एआई साक्षरता को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखती है। इसका उद्देश्य है भारतीय युवाओं को सुरक्षित, एआई-संचालित भविष्य के लिए तैयार करना और उन्हें आलोचनात्मक व विश्लेषणात्मक सोच की ओर प्रेरित करना।