भ्रष्टाचार को लेकर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगीः निदेशक विजिलेंस

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हल्द्वानी। सर्तकर्ता अधिष्ठान (विजिलेंस) निदेशक डॉ वी मुरुगेशन हल्द्वानी पहुंचे। जहां उन्होंने कुमाऊं मंडल सतर्कता विभाग ने हल्द्वानी कार्यालय में भ्रष्टाचार निवारण को लेकर विशेष समीक्षा बैठक की। इस दौरान विजिलेंस निदेशक डॉ वी मुरुगेशन ने कहा भ्रष्टाचार को लेकर लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा अब विजिलेंस भी ट्रैप से पहले मुकदमा दर्ज करने की कार्रवाई करेगी। विजिलेंस निदेशक डॉ वी मुरुगेशन ने कहा मुख्यमंत्री के निर्देश पर ‘भ्रष्टाचार मुक्त उत्तराखंड’ मिशन के अंतर्गत टोल फ्री नंबर 1064 पर आई 124 शिकायतों की प्रकरणों में ट्रैप की कार्यवाही की गई। जहां इस वर्ष कुल आठ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा गया। जिनमें दो राजपत्रित अधिकारी और छह कर्मचारी शामिल थे। विभाग ने जनता से अपील की है कि किसी भी भ्रष्टाचार संबंधी शिकायत के लिए 24 घंटे टोल फ्री नंबर 1064 पर संपर्क कर शिकायत दर्ज करा सकते हैं।
निदेशक विजिलेंस वी मुरुगेशन ने कहा अब सीबीआई के तर्ज पर विजिलेंस भी काम करने जा रही है। उन्होंने बताया पहले रिश्वतखोरों को पकड़ने के बाद मुकदमा दर्ज होता था, लेकिन अब विजिलेंस शिकायत मिलने के बाद पहले रिश्वतखोरों पर मुकदमा दर्ज करेगी। उसके बाद गिरफ्तारी की कार्रवाई की जाएगी। बताया जा रहा है कि रिश्वत की शिकायत के बाद तुरंत मुकदमा दर्ज कर सीबीआई के तर्ज पर ऐसा कारनामा करने वाला उत्तराखंड देश का पहला राज्य बन गया है। विजिलेंस और सीबीआई की कार्यवाही लगभग एक जैसी हैं, मगर दोनों में बड़ा अंतर ये है कि सीबीआई रिश्वतखोर को पकड़ने से पहले मुकदमा दर्ज करती है जबकि विजिलेंस रिश्वतखोर को पकड़ने के बाद मुकदमा दर्ज करती आई है। विजिलेंस ने अब अपनी कार्रवाई के तरीके में बदलाव किया है। सीबीआई की तरह मुकदमा दर्ज करने की शुरुआत कर दी है। इससे यह रास्ता साफ हो गया है कि मुकदमा लिखने के बाद ही रिश्वतखोर का चेहरा बेनकाब होगा।
गौरतलब है कि एक व्यक्ति की शिकायत पर विजिलेंस ट्रैप टीम का गठन करती है। इंस्पेक्टर की अगुवाई में टीम मौके पर जाकर गोपनीय जांच करती है। स्टाफ व अन्य लोगों ने अधिकारी के बारे में इनपुट जुटाया जाता है। रिश्वत मांगने की पुष्टि होने पर नई टीम बनती है। ट्रैप टीम के बताने पर शिकायतकर्ता रिश्वत की रकम पर रंग लगाकर पहुंचता है। रिश्वत लेते ही विजिलेंस आरोपित को रंगेहाथ गिरफ्तार कर लिया जाता है। इसके बाद मुकदमा दर्ज किया जाता है। अब इस अंतिम वाली प्रक्रिया में बदलाव किया जा रहा है। अब शिकायत मिलने के बाद सबसे पहले मुकदमा दर्ज किया जाएगी।

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