देहरादून। प्रदेश में बढ़ती शीत लहर के साथ पहाड़ी और मैदानी क्षेत्रों में मौसम तेजी से बदल रहा है। सुबह-शाम को ठंड बढ़ने और सर्द हवाओं के चलने से वायरल इनफेक्शन जैसी बीमारियों के अनेक मामले सामने आ रहे हैं। जिसको लेकर राजधानी देहरादून के चिकित्सकों ने बुजुर्ग व छोटे बच्चों को विशेष सतर्क रहने की सलाह दी है। प्रदेश में शीतलहर के साथ बदलते मौसम के मिजाज को देखते हुए चिकित्सकों ने छोटे बच्चों के अभिभावकों व बुजुर्गों को सर्द हवाओं से बचने के साथ खान-पान में ठंडी चीजों के सेवन से दूर रहने की सलाह दी है। चिकित्सकों ने बताया कि मौसम परिवर्तन के दौरान छोटी लापरवाही भी सर्दी जुकाम, बुखार, फ्लू और खांसी जैसी बीमारियों से खतरा बना देती है।
चिकित्सकों ने बताया कि विशेषकर नवंबर और दिसंबर के महीने में संक्रमण फैलने का सबसे अनुकूल समय माना जाता है। जिससे कि शरीर की प्रतिरोधक क्षमता प्रभावित होती है। ऐसे में छोटे बच्चे और बुजुर्ग लोग सबसे पहले संक्रमण का शिकार होते हैं। बदलते मौसम में अपने आप को स्वस्थ व दुरुस्त रखने के लिए स्वास्थ्य चिकित्सकों ने अस्पताल में आ रहे मरीजों को विटामिन-सी से भरपूर ताजे फल जैसे संतरा, नींबू, आंवला, मौसमी खाने की नसीहत दी जा रही है।
एमबीबीएस, डीसीएच वरिष्ठ चिकित्साधिकारी संयुक्त निदेशक (बाल रोग विशेषज्ञ) डॉ. एस के झा ने बताया कि ठंड और मौसम बदलने के कारण वायरल इंफेक्शन और फ्लू जैसी बीमारिया बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि छोटे बच्चों को ज्यादा से ज्यादा गर्म कपड़े पहनना चाहिए। स्कूल में जाने वाले छोटे बच्चों को दस्ताने और गर्म टोपी पहनाकर ही स्कूल भेजें। उन्होंने कहा कि ठंडे पानी के सेवन से भी दूर रहे। जितना हो सके ताजा फल का सेवन करें, लेकिन केले और अमरूद के सेवन से दूर रहे।
शीतलहर का असर तेज, डॉक्टरों ने कहा-जरूरी है बचाव और सही खान-पान