अजेंद्र ने उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता कानून में सख्त प्रावधानों को मंजूरी दिए जाने को ऐतिहासिक पहल बताया

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देहरादून। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के पूर्व अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने प्रदेश की धामी सरकार द्वारा उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता कानून में सख्त प्रावधानों को कैबिनेट की मंजूरी दिए जाने को ऐतिहासिक पहल बताया है। उन्होंने कहा की संशोधित कानून देवभूमि के स्वरुप को बरक़रार रखने में सक्षम होगा।
अजेंद्र ने कहा कि वर्तमान में राष्ट्रविरोधी शक्तियों द्वारा धर्मांतरण को लेकर देशव्यापी अभियान चलाया जा रहा है। लालच, प्रलोभन, पहचान छिपा कर धर्मांतरण का कार्य किया जा रहा है। सोशल मीडिया व अन्य डिजिटल माध्यमों से भोले- भाले लोगों को भ्रमित कर धर्मांतरित किया जा रहा है । ऐसी परिस्थितियों में प्रदेश सरकार द्वारा लागू किए जाने वाला नया क़ानून प्रासंगिक साबित होगा।
उन्होंने कहा कि यह तथ्य सर्वविदित है कि उत्तराखंड  डेमोग्राफिक चेंज जैसी समस्या से जूझ रहा है। डेमोग्राफिक चेंज के कारण उत्तराखंड का देवभूमि वाला स्वरुप भी खतरे में पड़ने को है। दो-दो अंतर्राष्ट्रीय सीमाओं से जुड़े उत्तराखंड में डेमोग्राफिक चेंज देश की सुरक्षा के लिए भी खतरनाक है।  उन्होंने कहा कि धर्मान्तरण कानून में सख्त प्रावधान कर प्रदेश सरकार ने धर्मांतरण को लेकर कड़ा सन्देश दिया है। पहचान छुपा कर एक सुनियोजित तरीके से धर्मांतरण का घृणित कार्य करने वालों को कठोर सजा का प्रावधान तो किया ही गया है। इसके साथ ही सोशल मीडिया व अन्य डिजिटल माध्यमों से भी धर्मांतरण की गतिविधि में शामिल लोगों के विरुद्ध कड़ी करवाई के प्रावधान से इस क़ानून की प्रासंगिकता अत्यधिक बढ़ गयी है।प्रदेश सरकार का यह नया संशोधित क़ानून धर्मांतरण के विरुद्ध एक ठोस पहल साबित होगा।

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