देहरादून। बेरोजगार संघ के प्रदेश अध्यक्ष बॉबी पंवार ने एक बार फिर ऊर्जा विभाग में हुई नियुक्तियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। बॉबी पंवार ने ऊर्जा विभाग के उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) में हुई नियुक्तियों को लेकर आरोप लगाए हैं। उन्होंने कहा कि साल 2001 और 2003 में जेई और एई के पदों पर नियमों की अनदेखी कर नियुक्तियां की गई है और अपने चहेतों को फायदा पहुंचाया गया। उन्होंने आगे कहा कि जूनियर इंजीनियर अब सहायक अभियंता और सहायक अभियंता अब अधिशासी अभियंता बन चुके हैं, इनमें से कई जीएम और डीजीएम बन चुके हैं।
इसी तरह साल 2005 में अधिशासी अभियंता की सीधी भर्ती निकाली गई, जबकि सीधे अधिशासी अभियंता के पदों पर विज्ञापन का कोई प्रावधान नहीं है। उन पदों पर दो लोगों को नियुक्त किया गया। बॉबी पंवार ने कहा कि इस विज्ञापन के तहत बाद में दो सहायक अभियंताओं को पदोन्नति दी गई। हालांकि 29 अगस्त 2006 को एक ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया, उसके बाद फिर भी नियमों को ताक पर रखकर किसी अन्य को उनकी जगह पर बैठा दिया जाता है। आज वो परियोजना के हेड बने हुए हैं। उनका कहना है कि जब इस परिपाटी से नौकरियां मिल रही हैं तो बेरोजगारों का भी कहना है कि हमें भी ऐसी नौकरियां क्यों नहीं मिल रही है।
उन्होंने सरकार से इस मामले की सीबीआई से जांच कराने की मांग उठाई है। यदि ऐसा नहीं किया जाता है तो फिर अवैध तरीके से नौकरियां लगने वालों की संपत्तियों की जांच होनी चाहिए। बॉबी पंवार का कहना है कि वह इस संबंध में भी ऊर्जा सचिव से वार्ता करने सचिवालय गए थे, लेकिन इसी बीच यूपीसीएल के एचडी के सेवा विस्तार को लेकर गहमागहमी हो गई। इस वजह से अब यह मुद्दा वह जनता के सामने ला रहे हैं। उन्होंने चेताया कि अगर प्रदेश में इसी प्रकार नियम विरुद्ध नियुक्तियां होती रही तो वह इस मामले को न्यायालय तक ले जाएंगे।