स्वास्थ्य विभाग एवं बीआईएस के संयुक्त तत्वावधान में अधिकारियों के साथ क्षमता वर्धन कार्यक्रम हुआ आयोजित

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देहरादून। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस), देहरादून द्वारा स्वास्थ्य विभाग, उत्तराखंड के सहयोग से देहरादून स्थित स्वास्थ्य विभाग कार्यालय में एक दिवसीय “क्षमता विकास कार्यक्रम“ का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि डॉ. सुनीता टम्टा, महानिदेशक, स्वास्थ्य विभाग, उत्तराखंड सरकार, डॉ. शिखा जंगपांगी, निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं डॉ. आर.सी. पंत, निदेशक, सौरभ तिवारी, निदेशक, बीआईएस देहरादून द्वारा दीप प्रज्वलन कर किया गया। इस अवसर पर अन्य वरिष्ठ अधिकारी एवं विशिष्ट अतिथि भी उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम का उद्देश्य स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को गुणवत्ता, मानकीकरण, उपभोक्ता सुरक्षा एवं भारतीय मानक प्रणाली से अवगत कराना था।
मुख्य अतिथि डॉ. सुनीता टम्टा ने कहा कि “स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता को सुनिश्चित करने के लिए मानकों का पालन आवश्यक है। बीआईएस के साथ मिलकर यह कार्यक्रम स्वास्थ्य विभाग की टीम के लिए अत्यंत लाभकारी रहेगा।“ उन्होंने बीआईएस के कार्यों की सराहना करते हुए भविष्य में भी ऐसे कार्यक्रमों की आवश्यकता जताई।
सौरभ तिवारी, निदेशक, बीआईएस देहरादून ने अपने संबोधन में कहा, “आज का स्वास्थ्य क्षेत्र अत्यंत तकनीकी हो चला है और इस समय गुणवत्तापूर्ण सेवा सुनिश्चित करने के लिए मानकीकरण का अपनाया जाना अत्यावश्यक है। बीआईएस द्वारा अस्पताल अधोसंरचना, चिकित्सा उपकरणों की सुरक्षा, जैव चिकित्सा अपशिष्ट प्रबंधन, चिकित्सा टेक्सटाइल एवं स्वास्थ्य सूचना प्रणाली जैसे विविध विषयों पर सैकड़ों भारतीय मानक विकसित किए गए हैं, जो इस क्षेत्र में गुणवत्ता और विश्वसनीयता को बढ़ावा देते हैं। “उन्होंने यह भी बताया कि बीआईएस केवल एक प्रमाणन संस्था नहीं, बल्कि गुणवत्तायुक्त और सुरक्षित समाज के निर्माण की दिशा में काम करने वाली एक वैज्ञानिक संस्था है। डॉ. शिखा जंगपांगी, निदेशक, चिकित्सा स्वास्थ्य एवं डॉ. आर.सी. पंत, निदेशक, पीएसबी ने भी सहभागिता की और मानकों को स्वास्थ्य सेवा प्रणाली में समाहित करने की दिशा में अपने विचार साझा किए। तकनीकी सत्र का संचालन राजेश कुमार दास, विशेषज्ञ फैकल्टी, बीआईएस द्वारा किया गया। उन्होंने स्वास्थ्य विभाग से संबंधित विषयों पर बीआईएस मनको पर निम्नलिखित विषयों प्रस्तुति दीः अस्पतालों की संरचना, डिज़ाइन, और सेवा की गुणवत्ता करने हेतु आवश्यक मानक। मेडिकल डिवाइस व सर्जिकल इंस्ट्रूमेंट्स की सुरक्षा, प्रभावशीलता और गुणवत्ता से संबंधित ठप्ै मानक। इलेक्ट्रॉनिक और विद्युत उपकरणों से जुड़े जोखिम को कम करने हेतु सुरक्षा मानक। दिव्यांगजनों व बुज़ुर्गों के लिए उपयोगी उत्पादों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने वाले मानक। न्यायिक प्रक्रिया में प्रयोग होने वाले वैज्ञानिक उपकरणों एवं प्रक्रियाओं के लिए निर्धारित गुणवत्ता मानक। सर्जिकल ड्रेसिंग, मास्क, गाउन, बेडशीट आदि में प्रयुक्त टेक्सटाइल की स्वच्छता व सुरक्षा हेतु मानक। हेल्थकेयर सुविधाओं से निकलने वाले खतरनाक अपशिष्ट के सुरक्षित निष्पादन हेतु मानकीकृत प्रक्रिया। डिजिटल स्वास्थ्य डेटा की रिकॉर्डिंग, गोपनीयता और विश्लेषण के लिए तकनीकी दिशा-निर्देश। इस तकनीकी सत्र ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को व्यावहारिक और तकनीकी दोनों ही दृष्टिकोणों से अत्यंत उपयोगी जानकारी प्रदान की। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) इस प्रकार के कार्यक्रमों के माध्यम से विभिन्न सरकारी विभागों और सेवाओं में गुणवत्ता एवं मानकीकरण की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है।इस अवसर पर बड़ी संख्या में स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारी, कर्मचारी उपस्थित रहे। भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा ऐसे प्रयासों के माध्यम से विभिन्न विभागों के बीच गुणवत्ता एवं मानकीकरण की जागरूकता बढ़ रही है, जो प्रधानमंत्री के “सर्वोत्तम भारत” के दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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