देहरादून। पेपर लीक के मुद्दे पर आज कांग्रेस नेता सीएम आवास का घेराव करने के लिए राजधानी की सड़कों पर उतरे। पेपर चोर गद्दी छोड़ के नारा लिखी तख्तियां हाथों में लेकर जब हाथी बड़कला पुलिस स्टेशन पहुंचे तो यहां पुलिस ने बैरिकेड लगाकर रोक दिया गया। जहां सड़क पर बैठकर इन नेताओं ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी और प्रदर्शन किया।
कांग्रेस नेताओं की मांग है कि सरकार पेपर लीक मामले की सीबीआई जांच के दायरे को बढाए तथा जांच को सिर्फ वर्तमान में हुए पेपर लीक तक सीमित न रखा जाए। यूकेएसएसएससी के माध्यम से शिक्षा और सहकारिता विभाग में पूर्व समय में हुई भर्तियों की भी जांच सीबीआई से कराई जाए। कांग्रेस नेताओं ने कहा है कि यह जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज की निगरानी में किराए कराई जाए। तथा वर्तमान परीक्षा को रद्द किया जाए और नए सिरे से फिर परीक्षा कराई जाए। कांग्रेस नेताओं ने आयोग के अध्यक्ष को भी पद से हटाने की मांग की है।
21 सितंबर को हुई यूकेएसएसएससी कि इस परीक्षा का पर्चा लीक होने के कारण युवा बेरोजगार छात्रों ने राज्यव्यापी आंदोलन चलाया था लेकिन कांग्रेस के नेताओं ने छात्रों के धरने प्रदर्शन से दूरी बनाकर ही रखी गई। छात्रों के आंदोलन को लेकर वह अपना अलग ही रवैया अपनाये रहे। अब 15 दिन बाद उन्हें इस मुद्दे पर आंदोलन की याद आई है और वह सीएम आवास घेराव करके अपनी उपस्थिति दर्ज कराती दिख रहे हैं और बता रहे हैं कि वह छात्रों के साथ खड़े हैं। प्रदर्शन करने वालों में पूर्व सीएम हरीश रावत पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व विधायक प्रीतम सिंह तथा गणेश गोदयाल, सूर्यकांत धस्माना, रणजीत सिंह रावत, प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा, वीरेंद्र सिंह रावत, राजीव महर्षि, पूर्व महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा सहित सैकड़ो कार्यकर्ता शामिल थे।
कांग्रेस के इस आंदोलन पर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चुटकी लेते हुए कहा है कि कांग्रेस नेताओं के पास कोई मुद्दा नहीं है। पहले कांग्रेस नेता यह बताएं कि वह सीबीआई जांच से खुश है या नहीं। साथ ही उन्होंने कहा है कि छात्रों के हित में हमें क्या करना है वह हम कर लेंगे। कांग्रेस नेताओं को परेशान होने की जरूरत नहीं है। उधर कांग्रेस नेताओं का कहना है कि भाजपा सीबीआई जांच की बात कर छात्रों को धोखा दे रही है।
कांग्रेस की आदत हमेशा से दूसरों की कढ़ाई में पकौड़े तलने की रही है। यूकेएसएसएससी भर्ती प्रक्रिया में कुछ शिकायतें आने पर बेरोजगारों ने आंदोलन किया और सीबीआई जांच की मांग उठाई। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने युवाओं की भावनाओं का सम्मान करते हुए तुरंत सीबीआई जांच की संस्तुति दी, जिसके बाद आंदोलन समाप्त हुआ। लेकिन यही सच्चाई कांग्रेस पार्टी और उसके नेताओं को हजम नहीं हो रही,क्योंकि कांग्रेस हमेशा से समस्याओं का समाधान नहीं बल्कि समस्याएँ पैदा करने और उन्हें उलझाने की राजनीति करती आई है। जिस षड्यंत्र के तहत उन्होंने इस आंदोलन को हवा देने की कोशिश की थी, वो पूरी तरह ध्वस्त हो गया। भाजपा के मीडिया प्रभारी मनवीर चौहान ने कहा कि आज कांग्रेस परेशान और बौखलाई हुई है, क्योंकि अब उनके पास न तो कोई मुद्दा बचा है और न ही युवाओं को गुमराह करने का मौका। असलियत यह है कि कांग्रेस को आंदोलन करने के बजाय अपने कार्यकाल में हुए भर्ती घोटालों, घपलों और सरकारी नौकरियों की खरीद-फरोख्त के लिए प्रायश्चित करना चाहिए। उन्हें प्रायश्चित यात्रा निकालनी चाहिए और उसी के लिए धरने-प्रदर्शन करने चाहिए। कांग्रेस कभी बेरोजगारों के हित में नहीं रही है। उनका एकमात्र मकसद हमेशा से रहा है कि अपनी राजनीतिक रोटियां सेंकना, युवाओं की भावनाओं से खिलवाड़ करना और उत्तराखंड को पीछे धकेलना।