मसूरी। उत्तराखंड में बारिश लोगों पर आफत बनकर टूट रही हैं। मसूरी में पेट्रोल पंप के पास भारी बारिश के चलते एक मकान का पुश्ता अचानक भरभरा कर गिर गया। देखते ही देखते पूरा मकान जमींदोज हो गया। हादसे के समय घर में छह लोग मौजूद थे, जिन्होंने समय रहते भागकर अपनी जान बचाई। हालांकि, घर के अंदर रखा सारा सामान मलबे के नीचे दब गया और पूरी तरह से नष्ट हो गया। घटना के बाद इलाके में दहशत का माहौल है।
स्थानीय निवासी अब अपने घरों को लेकर असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। लोगों का कहना है कि अगर मकान में मौजूद लोग थोड़ी भी देर करते, तो यह हादसा एक बड़ी जनहानि में बदल सकती थी। स्थानीय निवासी शाहीद और सूरज ने बताया कि पेट्रोल पंप के पास एक नाला काफी समय से बंद पड़ा हुआ है। बारिश का पानी बहने का रास्ता न मिलने के कारण नाले का पानी बस्ती और बाजार की ओर मुड़ गया, जिससे जमीन धंसने और मकान गिरने जैसी घटनाएं हो रही हैं। लोगों ने बताया कि इससे पहले भी नेपाली बस्ती में एक मकान आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो चुका है और अब एक मकान पूरी तरह ढह गया है।
घटना की सूचना प्रशासन पर नगर पालिका की टीम ईओ तनवीर मारवाह के नेतृत्व में मौके पर पहुंची। टीम ने तत्काल नुकसान का आकलन किया और प्रभावित परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया। प्रभावित परिवार के भोजन और रहने की व्यवस्था की गई है। ईओ तनवीर मारवाह ने बताया कि प्रशासन और पालिका मिलकर प्रभावित परिवारों की हरसंभव मदद कर रहे हैं। आपदा प्रबंधन नियमों के अनुसार जल्द ही आर्थिक सहायता भी दी जाएगी। इसके साथ ही बंद पड़े नाले को खुलवाने की कार्रवाई तेज की जा रही है। सड़क किनारे हो रहे अतिक्रमण को भी हटाने का अभियान चलाया जाएगा।
मसूरी व्यापार मंडल के महामंत्री जगजीत कुकरेजा और कांग्रेस मसूरी अध्यक्ष अमित गुप्ता भी मौके पर पहुंचे और प्रभावित परिवारों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि नाले की सफाई करना जरूरी है। नेपाली बस्ती और आसपास के क्षेत्रों को लगातार नुकसान हो रहा है। प्रशासन को चाहिए कि नालों की साफ-सफाई और पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था तुरंत करें, नहीं तो आने वाले दिनों में हालात और बिगड़ सकते हैं। स्थानीय लोगों ने बंद नालों को तुरंत खोलने, जल निकासी की व्यवस्था, कमजोर मकानों का सर्वे और सड़क किनारे के अतिक्रमण हटाए जाने की मांग की।