देहरादून। एनआईए अध्ययन (प) के अनुसार, भारत एक उल्लेखनीय जीवन बीमा सुरक्षा की कमी से जूझ रहा है। इस कमी का अंतर 2019 में 83 प्रतिश्त से बढ़कर 2023 में 87 पतिशत हो गया है। 18 से 35 वर्ष की उम्र के लोगों में 90 प्रति से ज्यादा की यह कमी और भी ज्यादा साफ तौर पर दिखाई देती है। यह बढ़ती असुरक्षा परिवारों की वित्तीय सुरक्षा (फाइनैंशियल सेक्योरिटी) और उम्मीदों के लिए एक गंभीर खतरा है।
इसकी व्यापक्ता से जुड़ी चुनौती से निपटने के लिए ही भारत में सभी जीवन बीमा कंपनियों का प्रतिनिधित्व करने वाली बीमा जागरूकता समिति (इंश्योरेंस अवेयरनेस कमिटी) ने अपने राष्ट्रीय अभियान सबसे पहले लाइफ इंश्योरेंसष् के अगले चरण की शुरुआत की है। यह पहल हर भारतीय को एक नए उत्साह के साथ लाइफ इंश्योरेंस को अपनी वित्तीय यात्रा की बुनियाद मजबूत बनाने, बढ़ती जागरूकता को सार्थक कार्रवाई में बदलने के लिए प्रेरित करती रहेगी।
अपने मूल में, यह अभियान बुनियादी वित्तीय सुरक्षा की उपेक्षा करते हुए बचत और निवेश को प्राथमिकता देने की आम आदत को चुनौती देता है। यह इस पर जोर देता है कि लाइफ इंश्योरेंस (जीवन बीमा) किसी भी सुरक्षित वित्तीय योजना की शुरुआत होनी चाहिए। भरोसेमंद कहानी सुनाने और भावनात्मक रूप से दिल-दिमाग में बैठने वाले आख्यानों के जरिए, यह अभियान रोजमर्रा के उन पलों में जान फूँक देता है जो सही मायनों में दाँव पर लगे हैं।उपभोक्ताओं के व्यवहार में बदलाव लाने और जीवन बीमा समाधानों के बारे में जागरूकता फैलाने और इसकी पहुँच बढ़ाने के लिए इस अभियान की योजना एक साल तक चलने वाली एक नई पहल के रूप में तैयार की गई है। इंश्योरेंस अवेयरनेस कमिटी के एक सदस्य ने कहा, सबसे पहले तो यह जान लें कि लाइफ इंश्योरेंस सिर्फ एक नारा नहीं है, बल्कि यह समय की एक साफ-साफ पुकार है कि हम वित्तीय योजना से कैसे जुड़ते हैं, उसके लिए क्या करते हैं। हम अक्सर धन कमाने की कोशिशों में उसकी सुरक्षा को नजरअंदाज करते हैं और यह सोचते हैं कि बाद में देखा जाएगा। इस अभियान का उद्देश्य इसी मानसिकता को बदलना है। धन कमाने के बाद उसे बचाना भी जरूरी होता है।