संघर्ष व धैर्यता की बुनियाद पर प्रशांत ने उत्तराखण्ड पी.सी.एस परीक्षा में सफलता प्राप्त की    

editor

देहरादून। कहते हंै कि इरादे मजबूत हो और मन में कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो कोई भी मंजिल मुश्किल नहीं है। ऐसा ही कुछ कारनामा प्रशांत शुक्ला, जनपद उन्नाव, उत्तरप्रदेश के निवासी ने कर दिखाया। अपनी सिविल सेवा यात्रा पर बात करते हुए प्रशांत बताते है कि बी.टे क, करने के बाद साफ्टवेयर इंजीनियर के सफल कैरिपर के बावजूद, वह सिविल सेवा के प्रति लगाव रखते थे। इसलिए उन्होने ने अपने सफल कैरियर को छोड़‌कर सिविल सेवा की तैयारी करने की फैसला लिया। वह बताते है कि उन्हें इसका बिल्कुल भी अंदाजा नही था कि यह एक लम्बा व कठिन संघर्ष हो जाएगा। लगातार बिभिन्न लोक सेवा आयोगों की मुख्य परीक्षा व साक्षात्कार देने के बावजूद उनका
चमन अंतिम रूप से नहीं हो पा रहा था। अपनी इस पूरी यात्रा पर चर्चा करते हुए वह कहते है कि उन्हें कई बार स्वयं के इस निर्णय पर संदेह होने लगा था। परन्तु ईश्वर की प्रेरणा तथा माता-पिता, भाई-बहनों गुरुजनों व मित्रों के द्वारा उन पर विश्वास जताने से उन्हें पुनः नए जोश के साथ संघर्ष के लिए प्रेरित किया। इसका परिणाम है कि आज प्रशान्त का उत्तराखण्ड पी.सी.एस में अंतिम रूप से चयन हुआ। प्रशांत अपनी सफलता का श्रेय ईश्वर को, अपने पिता अवधेश शुक्ला, गुरुजन अनिल, सुमित, रोहित पारीक तथा अपने ईष्ट मित्र डा. ज्योति प्रसाद गैरोला, प्रियांक बाल्यान को देते हैं।

Leave a Comment