विधानसभा प्रोटोकॉल अधिकारी पर लगे गंभीर आरोप, स्पीकर ने दिए जांच के आदेश

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देहरादून। बेरोजगार महासंघ ने विधानसभा में प्रोटोकॉल अधिकारी की नियुक्ति और शैक्षणिक दस्तावेजों पर सवाल उठाए। जिसका संज्ञान लेते हुए विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी ने जांच के निर्देश दिए हैं। बेरोजगार महासंघ के पदाधिकारी राम कंडवाल ने हाल ही में विधानसभा में प्रोटोकॉल अधिकारी मयंक सिंघल के मामले में कई  आरोप लगाए। राम कंडवाल ने उत्तराखंड विधानसभा में प्रोटोकॉल अधिकारी के पद पर कार्यरत मयंक सिंघल जिनके ऊपर  बजट आवंटन की भी बड़ी जिम्मेदारी है। उनकी नियुक्ति और उनके शैक्षणिक दस्तावेजों को लेकर के कई संगीन आरोप लगाए। बेरोजगार महासंघ के पदाधिकारी राम कंडवाल ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी करते हुए बताया है कि आईटीआई से मिली जानकारी के अनुसार, विधानसभा में प्रोटोकॉल अधिकारी के पद पर तैनात मयंक सिंघल के शैक्षणिक दस्तावेज फर्जी पाए गये। उन्होंने बताया मयंक सिंघल के दसवीं और बारहवीं की प्राइवेट मार्कशीट ऐसे शैक्षणिक संस्थाओं से है जो की प्राइवेट कोर्स नहीं करवाते।

बेरोजगार महासंघ ने आरोप लगाया है कि इस तरह के प्रदेश के बाहर के लोगों को जो कि अपनी फर्जी डॉक्यूमेंट बनाते हैं। उन्हें प्रदेश में नौकरी मिल जाती है, लेकिन प्रदेश के बेरोजगार युवाओं को नौकरी नहीं मिल पाती है। इस पूरे मामले पर हमने उत्तराखंड विधानसभा में वरिष्ठ प्रोटोकॉल अधिकारी मयंक सिंघल से उनका पक्ष जानने की कोशिश की। उन्होंने कहा कि विधानसभा प्रदेश की एक सर्वाेच्च संस्था है। जब भी विधानसभा के किसी व्यक्ति पर या फिर विधानसभा पर कोई भी आरोप लगता है तो उस पर फैसला लेने के लिए या फिर किसी भी तरह का बयान देने के लिए विधानसभा अध्यक्ष अधिकृत होते हैं। उन्होंने कहा कि उन पर लगे आरोपों को लेकर वह भी विधानसभा अध्यक्ष या फिर उनके द्वारा गठित जांच कमेटी को पूरा सहयोग करेंगे। वहीं, इस मामले पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी से भी बात की गई। उन्होंने बताया कि उनके संज्ञान में यह मामला आया है। उनके द्वारा सचिव विधानसभा को जांच करने के निर्देश दे दिए गए हैं। सचिव विधानसभा हेम पंत ने बताया कि  मयंक सिंघल के मामले में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा जांच के निर्देश दिए गए हैं। जल्द ही इस पूरे मामले में एक उसके बाद अंतिम फैसला विधानसभा अध्यक्ष लेंगी।

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