देहरादून। जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष एवं जीएमवीएन के पूर्व उपाध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने प्रमुख सचिव, ऊर्जा आर मीनाक्षी सुंदरम से मुलाकात कर पछवादून क्षेत्र की बेहद महत्वपूर्ण शक्ति नहर के बार-बार घटिया निर्माण/मरम्मत की वजह से क्षतिग्रस्त होने की जांच एवं कई -कई वर्षों से एक ही जगह जमे अधिकारियों को अन्यत्र स्थानांतरित करने तथा यूपीसीएल में एसएचजी के माध्यम से कार्योजित लाइन मैनों के भविष्य को सुरक्षित रखने एवं इनको सुख सुविधाओं से लैस किए जाने हेतु ज्ञापन सौंपा, जिस पर प्रमुख सचिव ने एमडी, यूजेविएनएल एवं एमडी,यूपीसीएल को कार्रवाई की निर्देश दिए।
नेगी ने कहा कि इस नहर पर इस एक-डेढ़ वर्ष में दो बार मरम्मत के नाम पर लाखों-करोड़ों रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन कुछ ही समय में पैनल दोबारा टूट कर नहर में समा गये। पूर्व में मरम्मत के नाम पर मिलीभगत कर घटिया कार्य कराए गए, जिसमें मोटी कमीशन डकार ली गई ताकि दोबारा फिर उसी कार्य को करने के टेंडर मिलते रहें। शक्ति नहर पर बनी तीन परियोजनाएं ढालीपुर, ढकरानी और कुल्हाल विद्युत उत्पादन करती हैं, इन तीनों पावर हाउसों को जलापूर्ति करने वाली शक्ति नहर, राज्य के विद्युत उत्पादन की रीढ़ मानी जाती है। मगर बार-बार इसके क्षतिग्रस्त होने से न केवल विद्युत उत्पादन ठप हो जाता है, बल्कि करोड़ों की जनता की गाढ़ी कमाई पानी में बह जाती है। इसके साथ-साथ मोर्चा ने प्रदेश भर में यूपीसीएल के अंतर्गत विद्युत उपखंडों में तैनात लाइनमैनों, जोकि एसएचजी (स्वयं सहायता समूह-प्राइवेट ठेकेदार) के माध्यम से स्पॉन्सर/कार्योजित किए गए हैं, हर वक्त यानी 24 घंटे जान जोखिम में डालकर जनता की सेवा करने में लगे रहते हैंद्य रात को न जाने कब लाइन/ ट्रांसफार्मर में विद्युत फॉल्ट आ जाए, उस समय भी तैयार रहना पड़ता है वो भी अपना पेट्रोल फूंक कर ,लेकिन आज इन लाइनमैनों की सुध लेने वाला कोई नहीं है द्य आलम यह है कि इतना जोखिम भरा काम करने की एवज में सरकार ठेकेदारों के माध्यम से सिर्फ 14- 15 हजार रुपए देकर इनका एक तरह से शोषण कर रही है। कई श्रमिक विद्युत चपेट में आकर अपनी जान गवा चुके हैं द्य सरकार को चाहिए कि इन लाइनमैनों के भविष्य को सुरक्षित रखने के लिए कोई ठोस कदम उठाये, एसएचजी के बजाए सरकारी संविदा के माध्यम से इनको कार्योजित किया तथा कोई दुर्घटना/ अनहोनी होने पर इनको भारी भरकम बीमा लाभ दिलाया जाना चाहिए।