सभी साक्ष्य, सुझाव के साथ निष्पक्षता और पारदर्शिता से पूरी की जाएगी जांचः अध्यक्ष आयोग

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देहरादून। उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग की विगत 21 सितंबर को हुई प्रतियोगी परीक्षा में कथित गड़बड़ियों की जांच को लेकर राज्य सरकार द्वारा न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) यू.सी. ध्यानी की अध्यक्षता में गठित एकल सदस्यीय जांच आयोग ने बुधवार को जनपद देहरादून के सर्वे चौक स्थित अनुसंधान एवं विकास प्रौद्योगिकी संस्थान (आईटीडीए) ऑडिटोरियम में लोक सुनवाई एवं जनसंवाद कार्यक्रम आयोजित किया। जिसमें प्रतियोगी परीक्षा में सम्मिलित अभ्यर्थियों, परीक्षा केंद्र प्रभारी, कोचिंग सेंटर संचालक और आम नागरिकों ने अपनी बात और सुझाव रखे।
एकल सदस्यीय जांच आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति यूसी ध्यानी ने स्पष्ट किया कि जांच कार्य पूरी तरह निष्पक्ष, पारदर्शी और तथ्य एवं साक्ष्यों पर आधारित होगी। उन्होंने कहा कि आयोग विभिन्न जिलों में जाकर जनता से सीधा संवाद कर रहा है। जन सुनवाई में जो भी सुझाव एवं साक्ष्य मिल रहे है, उनको संकलित किया जा रहा है, ताकि निष्पक्ष व पारदर्शिता के साथ अंतिम रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजी जा सके।
जनसुनवाई में मौजूद अभ्यर्थियों ने अपने विचार आयोग के समक्ष रखते हुए प्रतियोगी परीक्षा की निष्पक्षता से जांच करने और भविष्य में होने वाली परीक्षाओं में सुरक्षा व्यवस्थाओं को सुदृढ़ किए जाने पर जोर दिया। इस दौरान अभ्यर्थियों ने अपने महत्वपूर्ण सुझाव रखे। आयोग ने एक-एक कर सभी अभ्यर्थियों की बात सुनी और उनके सुझाव लिए। जांच आयोग के सचिव विक्रम सिंह राणा ने कहा कि जनसुनवाई में मिली शिकायतों और सुझावों को संकलित करते हुए विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई भी व्यक्ति इस संबंध में जांच आयोग की ईमेल के माध्यम से भी जानकारी उपलब्ध करा सकता है। जन सुनवाई के दौरान अपर जिलाधिकारी (वि.रा.) केके मिश्रा, मुख्य शिक्षा अधिकारी वीके ढ़ौडियाल, विगत संपन्न परीक्षा केंद्रों के प्रधानाचार्य, प्रभारी, व्यवस्थापक, अभ्यर्थी एवं आम नागरिक मौजूद थे।

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