उत्तरकाशी। गंगोत्री धाम के तीर्थपुरोहित हर्षिल मुखबा जांगला मोटर मार्ग निर्माण की लंबे समय से मांग कर रहे हैं। इसके लिए तीर्थपुरोहितों ने मुखबा गांव में पंचायत चुनाव का बहिष्कार करने की चेतावनी दी। इसके लिए मुखबा गांव में किसी ने भी पंचायत चुनाव में प्रधान सहित अन्य किसी पद के लिए नामांकन भी नहीं किया। इसी को देखते हुए गुरूवार को डीएम अधिकारियों के साथ मुखबा गांव पहुंचे। उन्होंने तीर्थपुरोहितों को जल्द ही मोटर मार्ग निर्माण का आश्वासन दिया।
बता दें कि तीर्थपुरोहित मुखबा-जांगला मोटर मार्ग के निर्माण की मांग लंबे समय से कर रहे हैं। तीर्थपुरोहितों ने कहा सड़क का निर्माण चारधाम यात्रा के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण है। साथ ही मार्ग के बनने से गांव के लोगों को भी फायदा होगा। उन्होंने कहा सड़क निर्माण की पैरवी पूर्व में सीडीएस । बिपिन रावत ने भी की थी। शीतकाल में गंगोत्री हाईवे पर अधिक बर्फ रहती है। इसलिए सेना की आवाजाही के लिए इस मोटर मार्ग का निर्माण भी आवश्यक है।
तीर्थ पुरोहित डॉ सत्येंद्र सेमवाल ने बताया मां गंगा की उत्सव डोली इसी पैदल मार्ग से गुजरती है। जिसे काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। सड़क बन जाने से मां गंगा की उत्सव डोली को धूमधाम से बड़े स्तर पर आयोजन के साथ लाया और ले जाया जा सकता है। छह किमी लंबे इस मार्ग के निर्माण के लिए कई बार ग्रामीण विरोध दर्ज करा चुके हैं। उनकी मांगों की अनदेखी की जा रही है।इसके लिए उन्होंने गांव में पंचायत चुनाव का बहिष्कार किया है।
गुरूवार को क्षेत्र के स्थानीय निवासियों की लंबे समय से चली आ रही सड़क की समस्या को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी प्रशांत आर्य मुखबा गांव पहुंचे। इस संदर्भ में पूर्व में दिये गए निर्देशों पर की गई कार्यवाही की समीक्षा की। साथ ही उक्त मार्ग को लेकर गंगा मंदिर समिति और ग्रामीणों की समस्या को सुना। उन्होंने उनकी समस्या के जल्द निस्तारण का आश्वासन दिया। जिलाधिकारी ने कहा यह मार्ग न केवल आवागमन की सुविधा से बल्कि क्षेत्र के धार्मिक, सांस्कृतिक, सामरिक और आर्थिक विकास के लिए भी अत्यंत महत्वपूर्ण है।
जिलाधिकारी की ओर से राज्य योजना के अन्तर्गत जनपद के हर्षिल, मुखवा, जांगला मोटर मार्ग निर्माण के लिए क्षतिपूरक वृक्षारोपण के लिए राज्य सरकार की भूमि उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये। इसके संबंध में संबंधित अधिकारी से जांच कराकर सरकार के स्वामित्व की भूमि का चिन्हीकरण किये जाने को कहा। संबंधित विभागों से मार्ग निर्माण में आ रही बाधाओं का जल्द से जल्द निराकरण करने के लिये समन्वय बनाकर कार्य करने और पूरी परियोजना का प्रस्ताव तैयार करने के निर्देश दिये गए हैं।