देहरादून। दिल का दौरा रक्त वाहिकाओं में प्लाक बनने के कारण रक्त प्रवाह बाधित होने की स्थिति है। दिल को शरीर में रक्त पंप करने के लिए अतिरिक्त मेहनत करनी पड़ती है। जब दिल पर यह दबाव बढ़ जाता है, तो दिल का दौरा या गंभीर स्थिति में दिल की विफलता हो सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की रिपोर्ट्स के अनुसार, भारत और विश्वभर में दिल की बीमारियां मृत्यु का एक प्रमुख कारण हैं। यह समस्या हर 5 पुरुषों में 1 और 8 महिलाओं में 1 को प्रभावित करती है। पहले इसे बुजुर्गों की समस्या माना जाता था, लेकिन अब यह मध्यम आयु वर्ग और युवाओं में भी तेजी से बढ़ रही है। आधुनिक जीवन की बढ़ती तनावपूर्ण स्थितियों ने कम उम्र में ही दिल की बीमारियों का खतरा बढ़ा दिया है।
साओल हार्ट सेंटर के निदेशक डॉ. बिमल छाजेर ने बताया कि ठंड में शरीर के रक्त वाहिकाएं सिकुड़ती हैं, जिससे रक्तचाप बढ़ता है और दिल पर अतिरिक्त दबाव पड़ता है। गर्म रहने के लिए लोग ज्यादा खाना खाते हैं, खासकर अधिक कैलोरी वाले खाद्य पदार्थ, जिससे वजन बढ़ता है, रक्त शर्करा और कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है। इसके अलावा, सर्दियों में बढ़ी हुई शराब और धूम्रपान की आदतें हृदय पर नकारात्मक प्रभाव डालती हैं।
धूम्रपान और मधुमेह जैसे कारक रक्त में सूजन पैदा कर थक्कों के निर्माण को बढ़ावा देते हैं, जिससे रक्त प्रवाह बाधित होता है। उच्च रक्तचाप, जिसे ‘साइलेंट किलर’ कहा जाता है, दिल और दिमाग की सेहत के लिए सबसे बड़ा खतरा है क्योंकि इसके कोई स्पष्ट लक्षण नहीं होते। डॉ. बिमल ने आगे बताया कि दिल के दौरे के लक्षण व्यक्ति विशेष के अनुसार भिन्न हो सकते हैं, लेकिन आमतौर पर सीने में दर्द (एंजाइना) सबसे सामान्य संकेत है, जो जबड़े, गर्दन और पीठ तक फैल सकता है। सांस की तकलीफ, ठंडा पसीना, चक्कर आना, मतली या खांसी जैसे लक्षण भी सामने आ सकते हैं। त्वरित चिकित्सा हस्तक्षेप से जीवन बचाया जा सकता है, इसलिए जोखिम वाले व्यक्तियों को सोर्बिट्रेट और एस्पिरिन जैसी प्राथमिक दवाइयां तैयार रखनी चाहिए। स्वास्थ्य के लिए रक्तचाप और शुगर को नियंत्रित रखना, योग और ध्यान करना, नॉन-वेज और अधिक तेल वाले खाद्य पदार्थों से परहेज करना, तथा प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए विटामिन सी, हल्दी, आंवला, तुलसी, और सब्जियां-फल खाना फायदेमंद है। सर्दियों में हृदय स्वास्थ्य का ध्यान रखें और किसी भी लक्षण के दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।