ऋषिकेश। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड (टीएचडीसीआईएल) ने 25 अगस्त को अपने अत्याधुनिक तक्षशिला मानव संसाधन विकास केंद्र, ऋषिकेश में मानव संसाधन सम्मेलनः विमर्श-2025 का आयोजन किया। 25-26 अगस्त तक आयोजित होने वाला यह दो दिवसीय कार्यक्रम, मानव संसाधन प्रथाओं के भविष्य पर विचार-विमर्श करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिष्ठित मानव संसाधन पेशेवरों, विचारकों और वरिष्ठ अधिकारियों को एक साथ लाने में सहायक होगा। इस अवसर पर सम्बोधित करते हुए, टीएचडीसीआईएल के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक, आर. के. विश्नोई ने ऐसे राष्ट्रीय महत्व के सम्मेलन के आयोजन के लिए टीम मानव संसाधन, टीएचडीसीआईएल को बधाई दी और इस बात पर प्रकाश डाला कि विमर्श-2025 जैसे मंच जन-केंद्रित विकास पर चर्चा को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। श्री विश्नोई ने इस बात पर जोर दिया कि आज के तेजी से बदलते परिदृश्य में, मानव संसाधन की भूमिका संगठनात्मक परिवर्तन में सबसे अग्रणी है, जो संस्थानों को लचीला और नवोन्मेषी बने रहने में सक्षम बनाता है।
श्री विश्नोई ने आगे कहा कि टीएचडीसीआईएल में, लोगों को विकास और उत्कृष्टता का सच्चा वाहक माना जाता है, और इसलिए, नेतृत्व की तत्परता, कर्मचारी कल्याण और क्षमता निर्माण पर निरंतर ध्यान देना अनिवार्य है। उन्होंने आगे कहा कि विमर्श-2025 न केवल संवाद का एक मंच है, बल्कि 2047 तक विकसित भारत बनने के भारत के दृष्टिकोण के अनुरूप है, सार्वजनिक क्षेत्र, भविष्य के लिए नेतृत्वकर्ताओं का एक समूह बनाने का एक सामूहिक प्रयास है।
सम्मेलन का उद्घाटन शैलेन्द्र सिंह, निदेशक (कार्मिक), टीएचडीसीआईएल, परेश रनपारा, निदेशक (मानव संसाधन), ग्रिड इंडिया, मृदुल श्रीवास्तव, व्यवसाय परिवर्तन प्रमुख और समाधान विशेषज्ञ, डॉ. ए. एन. त्रिपाठी, मुख्य महाप्रबंधक (मानव संसाधन एवं प्रशासन, केन्द्रीय संचार) टीएचडीसीआईएल साथ ही टीएचडीसीआईएल एवं अन्य प्रतिभागी संगठनों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों की उपस्थिति में किया गया।
टीएचडीसीआईएल के निदेशक (कार्मिक) शैलेन्द्र सिंह ने सम्मेलन में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह शिखर सम्मेलन केवल मानव संसाधन क्षेत्र के प्रमुख व्यक्तियों का समागम नहीं है, बल्कि संवाद, विचारों के आदान-प्रदान और रणनीतियों के सह-निर्माण का एक मंच है जो हमारे संगठनों में मानव संसाधन प्रबंधन की भावी रणनीतियों को आकार देने में मदद करेगा और आने वाली चुनौतियों और बदलावों को स्वीकार करने के लिए एक संवाद का मार्ग प्रशस्त करेगा तथा हमें आपसी ज्ञान साझा करने और सामूहिक रणनीति के साथ सामूहिक रूप से उनका सामना करने के लिए तैयार रहने में सक्षम बनाएगा। साथ ही श्री सिंह ने कहा कि टीएचडीसीआईएल मानव संसाधन शिखर सम्मेलन का नाम, विमर्श, एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है “विचार-विमर्श“ या “चर्चा“। यह इस सम्मेलन के उद्देश्य को पूरी तरह से दर्शाता है साथ ही इसका प्रमुख उद्देश्य मानव संसाधन के निरंतर विकसित होते परिदृश्य पर एक सार्थक संवाद में शामिल होना, अंतर्दृष्टि और अनुभव साझा करना और साथ मिलकर आगे का रास्ता तय करना है। सोसाइटी फॉर ह्यूमन रिसोर्स मैनेजमेंट (एसएचआरएम) के सहयोग से आयोजित इस दो दिवसीय सम्मेलन में विभिन्न सार्वजनिक उपक्रमों और विभिन्न क्षेत्रों के अग्रणी संगठनों का प्रतिनिधित्व करने वाले वरिष्ठ मानव संसाधन प्रमुखों की सक्रिय भागीदारी देखी गई। “सम्मेलन का एक प्रमुख आकर्षण ’एआई-संचालित दुनिया में नेतृत्व की तत्परता’ पर एक आकर्षक पैनल चर्चा थी, जिसमें टीएचडीसीआईएल के निदेशक (कार्मिक) शैलेन्द्र सिंह, ग्रिड इंडिया के निदेशक (मानव संसाधन) परेश रनपारा, व्यवसाय परिवर्तन प्रमुख और समाधान विशेषज्ञ मृदुल श्रीवास्तव तथा एसएचआरएम इंडिया के परामर्श एवं क्षमता निर्माण निदेशक आशीष कौल सहित प्रतिष्ठित कॉर्पोरेट मानव संसाधन के शीर्ष अधिकारी शामिल थे।“