रुद्रप्रयाग। विकासखण्ड जखोली के अंतर्गत भरदार क्षेत्र के कई गांव इन दिनों आपदा की मार झेल रहे हैं। अलकनंदा नदी का जल स्तर बढ़ने के कारण भरदारी गाड़ में भी पानी बढ़ गया है। जिस कारण पैदल आवाजाही वाले पुल तक पहुंचने वाला मार्ग जलमग्न हो गया है। ऐसे में ग्रामीण व स्कूली नौनिहाल घरों में कैद हैं। खासकर बीमार लोगों को स्वास्थ्य केन्द्र तक पहुंचने में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
दरअसल, विकासखण्ड जखोली के अंतर्गत भरदार क्षेत्र के कोटली सहित अन्य गांवों की जनता पर इन दिनों आपदा की मार पड़ रही है। क्षेत्र के गांवों को जोड़ने के लिये मल्यासू में भरदारी गाड़ पर पैदल पुल बना हुआ है, लेकिन सबसे बड़ी दिक्कत यह है कि पुल के निकट ही अलकनंदा नदी व भरदारी गाड़ का संगम भी होता है। इन दिनों अलकनंदा नदी उफान पर है। जिस कारण नदी का पानी पुल तक पहुंच चुका है। पिछले कई वर्षों से ग्रामीणों के सामने यह समस्या है। प्रत्येक बरसात में पुल और रास्ता डूब जाता है, जिससे ग्रामीण घरों में कैद हो जाते हैं। ग्रामीणों की दिक्कतों को देखते हुये संबंधित विभाग ने कुछ समय पहले इस पैदल पुल के ऊपर ही नहीं पुल खड़ा कर दिया, जिससे पुल पानी में न डूबे और ग्रामीणों की आवाजाही होती रहे, लेकिन अब ग्रामीणों के सामने यह समस्या खड़ी हो गई है कि पुल के किनारे पैदल रास्तों तक नदी का पानी पहुंच रहा है, जिससे रास्ता पूरी तरह पानी में डूब रहा है और ग्रामीणों की आवाजाही प्रभावित हो रही है। जो पुल के ऊपर पुल बनाया गया है, उससे भी ग्रामीणों को कोई राहत नहीं मिल रही है। रास्तों के पानी में डूबने से कोटली सहित बांसी आदि गांवों के ग्रामीणों को भारी परेशानियां हो रही हैं। ग्रामीण घरों में ही कैद हैं। जबकि कोटली से रुद्रप्रयाग और खांखरा पढ़ाई करने आने वाले बच्चों का पठन-पाठन भी नहीं हो पा रहा है। खांखरा के निकट सम्राट होटल से कोटली गांव की दूरी लगभग तीन से साढ़े तीन किमी है और पैदल आवाजाही वाला यही एक पैदल रास्ता है, लेकिन यह रास्ता इन दिनों पानी में डूबा हुआ है। सबसे बड़ी बात यह है कि कोटली गांव आज तक मोटरमार्ग से नहीं जुड़ पाया है।
ग्रामीण गिरीश डिमरी ने कहा कि बरसात के समय उन्हे भारी परेशानियां हो रही हैं। गांव के बच्चे स्कूल नहीं जा पा रहे हैं, जबकि बीमार लोग चिकित्सालय नहीं पहुंच पा रहे हैं। ग्रामीण पिछले कई दिनों से घरों में ही कैद हैं। रास्ता डूबने के कारण गांव में ग्रामीण आवश्यक सामग्री भी नहीं पहुंचा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रत्येक बरसात में इस प्रकार की समस्या ग्रामीणों को झेलनी पड़ती है, लेकिन कोई कार्यवाही नहीं हो पा रही है। पुल के ऊपर पुल तो बना दिया, लेकिन इस पुल का क्या लाभ, जब पुल तक पहुंचने का रास्ता ही नहीं है। वहीं जब इस संबंध में लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों से बात की गई तो उनका कहना था कि पुल जीवीके कंपनी ने बनवाया है। नदी का पानी कम होने पर रास्ता तैयार किया जाएगा।